Sunday, July 13, 2008

दो शादियाँ और पार्किंग की समस्या / Two marriages and parking problem

Yesterday I had gone to Deccan for a meeting. The meeting was at 2 PM. I had reached a little earlier - around 1 PM. I started searching for a parking place. After searching for an hour, I finally found a place to park. During this period, I must have driven for at least 5-6 km. I asked the parking attendant the reason why no parking was available. Came to know that there were two marriages that were going on in Deccan at that time. The guests attending the marriage had exhausted all the available parking.

Next time I go I will try to find out beforehand if it is an auspicious day for marriages. If yes, it makes better sense to catch an auto-rickshaw than driving oneself!

कल मैं शहर के डेक्कन इलाके में एक मीटिंग के लिये गया था। मीटिंग दो बजे थी। मैं थोडा जल्दी पहुँच गया था - एक बजे के आसपास। मैं पार्किंग के लिये जगह ढूंढने लगा। एक घंटे बाद बहुत मुश्किल से एक जगह मिली। इस दौरान ५-६ किलोमीटर तो मैंने कार चलाई होगी। मैंने पार्किंग सहायक से पूछा कि क्या कारण है कि आज कहीं भी पार्किंग नहीं मिल रही है। पता चला कि उस इलाके में उस वक़्त दो शादियाँ चल रहीं थी। शादियों के मेहमानों की वजह से सारी पार्किंग खत्म हो गयी थी।

मैंने सोचा कि अगली बार यह पता करके ही निकलूंगा कि शादी का मुहुर्त है या नहीं। मुहुर्त होने पर औटो पकड़ना ज्यादा ठीक होगा!

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